#OpenPoetry कभी तोड़ना ना कसमों की डोर, पल पल मन भागे तेरी ओर , कभी जाना ना तू मुझको छोड़, चाहें कर लेना सितम कोई और, जब कभी भी तू मुझसे रुठे, मेरे अरमा हो जाए सारे झूठे, और जब चाहें जाना तू मुझसे दूर, बस एक पल के लिए , मुझे सीने से लगाकर, सुन लेना मेरे दिल की शोर सजना मन ना लगे लगे कही और, हर घड़ी मन भागे तेरी ओर, तुम्हें ही देखने को हैं नजरें दौड़े चारों ओर कभी तोड़ना ना कसमों की डोर चाहें कर लेना सितम कोई और #OpenPoetry