मेरा एक सपना है ...... सपना देखो तुम उसे पूरा करूं मैं, मुस्कान तुम्हारी होंठों पर आए उसका कारण बनूं मैं, जब भी महसूस करो तुम अकेलापन तो महफिल सजा दूं मैं, कभी छाए तुम्हारी जिंदगी में अंधेरा खुद को जलाकर उजाला करूं मैं, रास्ते तय करो तुम बनो राहगीर छाया देने वाला पेड़ बनू मैं, "बहो तुम वेग से दरिया बनकर लेकिन जहां सिमट सको वो किनारा बनू मैं"। -सुशील राय "शिवा" सपना