बड़े अश्लील हो गए हो तुम उसने धीरे से मेरे कान में कहते हुए दुपट्टा समेटने लगी ,सिर्फ मैं (मुस्कुराते हुए ) मैडम, हम कहिये हम । वैसे किसी ने ठीक कहा है कि प्रेम वासना पर ही जाकर खत्म होता है और मैने तो इन तीन सालों में आपके होंठ के अलावा कही छुआ भी नही ।बदतमीज़ ,कहते हुए ज़ुल्फ़ को हवा में उड़ाते हुए चल पड़ी ।अरे मैडम इस बदतमीज़ से फिर कब मिलोगी बताते तो जाओ, उन दिनों आम के बागान में अगर सुरेश चाचा का मचान नही होता तो न जाने हम कभी मिल भी पाते की नही! जिस तरह से हमारे प्यार को तीन साल होने को थे उसी तरह उस मचान के भी अपकमिंग नॉवेल :- रिजेक्टेड लवर #Novel