"बेटी क विदाई" माई तोहरा अंगना में, दूई दिन के हम चांद हई,, देखब तू ए माई हमर, काल्हे तोहार ई गाम वीरान होई। चली जायब तोहरा से दूर बहुत, तोहार गली सुनसान होई,, जब सोचब हमरा बारे में, आंखी सँ गंगा जमुना स्नान होई। बेटी हमार रहे लक्ष्मीनिया, ई बात सोचि सोचि अभिमान होई,, हमरे ई बातन पर, तोहरा के काल्ह गुमान होई। अंजना के माई ह तू! एही नाम सँ गाम में तोहर, पहचान होई,, ©anjana wrighter "beti k vidai"