White दाता के दरबार में, है भक्तों की भीड़। सबको दे आजीविका, रहने को दे नीड़।। दाता के दरबार में, नहीं भेद या भाव। ऊंच-नीच सब एक से, सबसे उन्हें लगाव।। खाली झोली भर गई, दाता के दरबार। मन सुकून से भर गया,आई जितनी बार।। -निलम ©Nilam Agarwalla #दाता