निर्माण का निर्माण का है तुम्हे आह्वान , राष्ट्र निर्माण का राष्ट्र निर्माण का। देखो एक नए सूर्य का उदय हुआ , अन्धकार का हरण हुआ।। देखो चिड़िया निकल चुकी है, तिनके की तलाश में।। तुम क्यों बैठे हो किसी और की आस में, वो तिनके - तिनके लगा रही है अपने घोसले के निर्माण में।। तुम क्यों हाथ नहीं बढ़ाते हो राष्ट्र निर्माण में।। तिनका तिनका जोड़कर घोसला बने, ईट से ईट जुड़े तो मकान। फिर क्यों नहीं बन सकता है फिर मेरा भारत महान।। आओ तुम्हें आह्वान है निर्माण, एक नए राष्ट्र निर्माण का।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा मेल हमारा हो। फिर से संस्कृति ज्ञान एकता में सर्वश्रेष्ठ देश हमारा हो।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, नदियों को निर्मल बनाए यह उद्देश्य हमारा हो। देश के निर्माण में सहयोग हमारा हो। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा एक दूसरे से मेल हमारा हो। आओ तुम्हे आह्वान है एक नए राष्ट्र निर्माण का, राष्ट्र निर्माण का। saukat ali निर्माण का निर्माण का #HBDShastriJi