जब मनुष्य दुख से घिर जाता है तो उसे दुनिया दिखाई पड़ती है और तब वह उस दुनिया में अपने को ढूंढता है जब उसके पास अपना कोई नहीं आता है तब उसे लगता है कि दुनिया बेईमानी है # दुनिया# बेगानी#