मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च । दुःखितै सम्प्रयोगेण पण्डिताेऽप्यवसीदति । एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है यदि वह किसी मुर्ख को उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन-पोषण करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है. ©Breej chankya niti