तन्हाई के आलम में,तेरी यादों ने आ घेरा था, तेरी तड़प ने दिल की धड़कनों को बढ़ाया था, मेरे आँसुओं ने मेरी कमज़ोरियों को जताया था, मग़र मेरे अपने दर्द ने मुझे लिखना सिखाया था। मैंने यादों को भुलाने का तरीका खोज लिया है, मैंने तुम्हारे बिना ज़ख्मों को सीना सीख लिया है, बेवफ़ा ही सही, लिखने का सलीका सिखाया है, कि मैंने अब तुम्हारे बिना जीना सीख लिया है। तन्हाई के आलम में उदासी के मौसम में कविता का जन्म होता है। रचें अपनी कविता। Collab करें YQ Didi के साथ। #तन्हाईकेआलममें