कविताओं द्वारा बोलता है जिस कारण से प्रसिद्ध कवि कहलाता है परंतु वह स्वयं कविर्देव पूर्ण परमात्मा ही होता है।
हाड चाम लहू नहीं मेरे, कोई जाने सतनाम उपासी।
तारण तरण अभय पद दाता, मै हूँ कबीर अविनाशी।।लोकोक्तियों, कविताओं द्वारा बोलता है जिस कारण से प्रसिद्ध कवि कहलाता है परंतु वह स्वयं कविर्देव पूर्ण परमात्मा ही होता है।
हाड चाम लहू नहीं मेरे, कोई जाने सतनाम उपासी।
तारण तरण अभय पद दाता, मै हूँ कबीर अविनाशी।।मिथक
कबीर परमेश्वर के एक पुत्र व एक पुत्री थी।
सच्चाई
कबीर परमेश्वर ने शेखतकी की एक शर्त प #Shayari