इस दुनिया की भीड़ में चलना सिखाया ज़िन्दगी ने अगर गिरे है कभी तो सम्भाला है ज़िन्दगी ने बोहत कुछ सिखाया ज़िन्दगी ने पतों का झड़ना बारिश का होना सर्दी में धूप का खिलना बढ़ते प्रदूषण से गाड़ियों के शोर में पंछियों की सुरीली आवाज को खत्म किया है ज़िन्दगी ने सब बताया मुझे ज़िन्दगी ने शरीर से रूह का निकलना एक नया जन्म लेकर फिर से पालन और बढ़ना बोहत कुछ सिखाया ज़िंदगी ने अपनो से बिछड़ने का दर्द दिया है ज़िन्दगी ने इस 22 साल की उर्म में मुझे बोहत सा तजुर्बा ज़िन्दगी का खुद दिया है ज़िन्दगी ने बोहत कुछ सिखाया ज़िंदगी ने उम्र के हर पड़ाव पर ज़िंदगी हमें कुछ न कुछ सिखाती रहती है। क्या सीखा आपने अब तक। #ज़िंदगी #collab करें #yqdidi के साथ। .... हिंदी साहित्य की उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ें फॉलो करें YQ Sahitya #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #sukhi56wala #sukhi56walaquotes #poeam