साक्ष्य चाहिए तुम्हें कैसा, प्रेम नहीं हैं धर्म जैसा। न धागा न ताबीज़... रंग सूफ़ी ये कोरा ऐसा।। तुम कागजी चाल चाहते हो, ज़माने से मिसाल चाहते हो। मेरी तिश्नगी मेरी प्रेरणा... तुम जां 'गुस्ताख़' चाहते हो।। ©गुस्ताख़शब्द “Kise chahiye mann ka sona, aankh ke moti? Kise padi hai andar kya hai?” तारा- “Ye tum nahi ho Ved. ye sab nakli hai.” वेद- “Wo toh acting thi naa. Wo mai role play kar raha tha. Aur ye mai real mei hoon.” #lovequotes #Question #प्रेम #स्नेह #deep #individuality #Life_experience #हिंदी #पंक्ति #Inspiration