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वो लड़ती बहुत है हर किसी से पिल पड़ती है आज तो हद हो

वो लड़ती बहुत है
हर किसी से पिल पड़ती है
आज तो हद हो गयी
मैंने उसके पक्ष की बात की
फिर भी मुझी से भिड़ गईं
थोड़ी ही देर बाद बदल गयी
जो मैंने कहा था उसी पे अड़ गई
मैंने पूछा ये क्या है ?बोली
आपको तो पता ही है
मैंने कहा तुझे छोड़ देता हूँ
बोली पता है तुम बुरा नही मानोगे
किसी का सुनना होता है
आखिर उससे कैसे लड़ूं
कथानक की नायिका तो
हमे चाहिए ही न
सो भले वो लड़ती है
लेकिन हमें उसे लिखना पड़ता है
की लड़ती बहुत है
मगर मरती भी बहुत है
हा झूठ की ही सही
हमारी उससे बनती बहुत है
हा बनती बहुत है लड़ती बहुत है
मरती भी बहुत है

©ranjit Kumar rathour
  मरती लेकिन लड़ती बहुत है
#नायिका

मरती लेकिन लड़ती बहुत है #नायिका #कविता

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