शब्दों में है अर्थ छुपे, अर्थ से लिपटे भाव। कभी मन को ये सुख देते, कभी देते गहरे घाव।। जो समझा ये भाव का खेल। छूटा मन हुआ ईश्वर से मेल।। नाट्य संचालक⚜️🔱 ©अविरल अनुभूति भाव