तेरी झुकी नज़र, मुस्कुराते हुए लब, खुली ज़ुलफें, चहरे का नूर तीर हो जैसे, तू ही बता भला मेरा नाज़ुक दिल था इस कातिलाना वार से सम्भलता कैसै ? - काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji Feel Free to collaborate तेरी झुकी नज़र, मुस्कुराते हुए लब, खुली ज़ुलफे, चहरे का नूर तीर हो जैसे,