सुनो, उम्र और तजूर्बे से कह रहा हूँ। गौर करना, हाँ, तुम्ही से कह रहा हूँ। हुऩर से श़ोहरत तो मिल जायेगी, इज्ज़त कमानी हो गर तो, लोगों को इज्ज़त देना सीखो। गुरूर तुम्हें, कितनी भी कोशिश कर लो, तुम्हारे पतन की ओर ही ले जाएगी। एक और सत्य घटना बताना चाहता हूँ आप सबको। कुछ वक़्त पहले किसी से मुलाक़ात हुई यहाँ। उन्होने मुझे एक हुनर्मन्द इन्सान से मिलवाया। मैनें उस इंसान से कुछ वक़्त बात की और फिर हमारे एक मित्र की भी उनसे वार्तालाप हुई। और फिर हमें पता चला हुनर बहुत था उनमे पर किसी को कुछ समझते नहीं थे। उन्होनें पहले हमारे मित्र की तौहीन की और जब हमने भी बात की तो उन्होनें हमारे सामने भी कई दिग्गजो की इज़्ज़त का मान मर्दन कर दिया। बहुत तक़लीफ होती हैं जब इतनी कम उम्र होने के बावजूद भी कोई ऐसे बड़े तजुर्बेकारों की इज़्ज़त भी रौंद