तुम्हारी उम्र में हम भी थे एक सरकार, क्या समझे। हमारा नाम ही काफी था बरख़ुरदार, क्या समझे।। हज़ारों शेर कह डाले थे हमने भी मुहब्बत पे। हमें भी हो गया था शायरी से प्यार, क्या समझे।। ©Rakesh Tiwari #shayari #sher #ghazal #mehfil #quaotes #poem #poetry #rakeshtiwari