इश्क़ का मज़ा कुछ ऐसा है,जैसे होली पर पी कर नाटक करना। जब नशा उतर जाता है तो,इश्क़ का नाटक खत्म हो जाता है। सच्चा इश्क़ होता कहा है,सिर्फ इश्क़ होने का नाटक चलता है। जिसमे किसी एक की ज़िन्दगी बर्बाद होती है। विनोद मौर्य...✍️ इश्क़ का नाटक....