जीवन के दो पहलू हार और जीत अंत तक साथ ही रहते है ... हार कुछ सीखा देती है तो , जीत आगे बढ़ने की स्पूर्थी बन जाति है ... परंतु , कुछ भी आजीवन नहीं रहता ; सब अनित्य है ... जिस प्रकार पेड़ पतझड़ के मौसम में अपने सारे पत्ते बिखेर देते है , उसी प्रकार जीवन में असफलता आने पर टूटना स्वाभाविक है ... किंतु पेड़ अपने वसंत ऋतु में नई पत्तियों को जन्म देता है , ठीक उसी प्रकार हमे भी जीवन में असफलता के पश्चात उठ खड़े होना है ... जीवन में एक नई शुरवात करनी है ... एक और नया कदम उठाकर अपने लक्ष्य की और अग्रसर होना है ... अर्वाचीन आगाज़। ... जीवन में कई दफा सारी गलतियों को सुधारने के लिए नई शुरवात करनी होती है । समय किसी के लिए नहीं रुकता । ना ही जीवन रुकता है बस उसे किस प्रकार जीना है वो आपके हाथो के है । गलतियों को सुधार कर , पिछली बातों को भुला कर अपनी लक्ष की ओर एक नया कदम बढ़ाना चाहिए । #नई_शुरुआत #नयासवेरा #एक_कदम_सफलता_की_ओर