भटका हूं रास्ते, खोया है अपना ख्वाब जरूरी नहीं, हूं लापरवाह, किया हो कभी नजरअंदाज मुश्किल से मुश्किल मिल जाती है मंजिल जज्बातों में बैठा तालमेल बनाना होता है मिजाज़ दौलत से नहीं जनाब सींची जाती है मेहनत और लगाव से हर खुशी ताकत की जरूरत होती है दंगल में कलम रखी जाती है खाद रूपी कर्म की लेती है इम्तिहान हर कदम पर जिंदगी चलने का होंसला भी तो देती है हर पल छिपकर रोने से आंसू वहाकर क्या फायदा रोंकर बैठने से कहा मिलती है मंजिल ©👦Mysterious Words🧒 #Inspiration #quates #Dream #Motivation #lost