चंद सिक्कों में बिका आरिफ़ बिकते बिकते रहा ना अल्वी बिका ईमान बिकते बिकते झूठ फ़रेब गद्दारी किये सारे ग़लत काम रही नहीं पहले सी किंमत बिकते बिकते हालत बेकार कीड़े पड़े दिमाग़ में कैसे बचा ये सूअर बिकते बिकते राह चलता रोज मारता हूँ मैं जिसे ठोकर उसको रही नहीं लाज बिकते बिकते पैसों के लिए बेचता है आरिफ़ घर कि इज्जत कोठा खोल रक्खा घर में बिकते बिकते सडे हुए मुँह से बोले जानता हूँ राज़ पूछा कौन हूँ मैं बोलता है बाप बिकते बिकते ©Deep Bawara #आरिफ़ #yqdidi #yqbaba #nojato #nojohindi #Anhoni