•| ग़ज़ल 2021 |• खुशी मनाओ उल्लास मनाओ, देखो नया साल आया है, खूब नाचो और सबको नचाओ, देखो क्या यह संग लाया है। पिछले साल से सीख लो तुम, नए पर उसको अमल करो, इंसानियत का पाठ पढो तुम, मैंने भी तो बस यही कमाया है। नए साल में आख़िर होगा क्या, मिलेगी वैक्सीन या बढ़ेगी महामारी यहां, कौन जाने किस को कब बुलाया है, यहां तो मौत का आतंक हर तरफ़ छाया है। कितने समय में पहली बार हुआ, हवा का प्रदूषण एकदम साफ़ हुआ, स्वच्छ पानी, ताज़ी हवा, खुला आसमां, 2020 ही यह कमाल कर पाया है। चारों ओर फैली निराशा और अन्धकार हमको मिटाना है, देख "महिमा" कहती ये सबको, बाकी बचा जो मोह माया है।। •| ग़ज़ल 2021 |• खुशी मनाओ उल्लास मनाओ, देखो नया साल आया है, खूब नाचो और सबको नचाओ, देखो क्या यह संग लाया है। पिछले साल से सीख लो तुम, नए पर उसको अमल करो, इंसानियत का पाठ पढो तुम, मैंने भी तो बस यही कमाया है।