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यादें तेरी मेरी भाग तीन आस ©खामोशी और दस्तक #Li

यादें तेरी मेरी
भाग तीन
आस

©खामोशी और दस्तक
  #Likho 
जैसे एक नदी के जीवन का आखिरी पड़ाव होता है समन्दर ,समन्दर मे मिल कर अपना अस्तित्व खोना ही नदी की नियति है किंतु,सभी नदियाँ समुद्र में नही मिलती कुछ राह में सूख जाती है ,कुछ भूमिगत हो जाती है पर मिटता नही है अस्तित्व उनका  असमय पुनः जीवित हो जाती है ,कभी दलदल बन जाती है पर स्विकार नही होता उन्हें अपना वजूद खोना वो रहती है जब तक अपने नाम से जानी जाती है ,अनेक गुण अवगुण स्वंय मे समाहित किये प्रवाहित होती है अनवरत 
बस वैसे ही तो थे मैं और तुम , तुम जानते थे मेरे दिल में जो तुम्हारा स्थान था तुम्हारे बिना मेरा जीवन कितना वीरान था हां तुम तो जानते थे ना मुझसे कितना प्रेम है तुमसे और उसकी वजह भी और यह भी जानते थे खुद को भुलाकर अपना अस्तित्व खो कर अपनी पहचान मिटा कर मैं कभी तुम्हारे पास नहीं आऊंगी तुम्हें मुझे स्वीकार करना होगा वैसे ही जैसी मैं हूं मेरे गुण गुणों को साथ में लेकर मैंने भी तो तुम्हें स्वीकार किया था ना तुम्हारी पहचान तुम्हारे काम  गुणों और अवगुणों को एक साथ फिर मुझे स्वीकार करते समय तुम्हारे पैर पीछे क्यों हट गए थे क्यों नहीं तुम मुझे अपना सके मेरी पहचान मेरी खूबियों के साथ क्या इसकी वजह तुम्हारे अंदर  का अहंकार था या मैंने अपनी पहचान बनाने में किसी गलत रास्ते का इस्तेमाल किया था कम से कम मुझे छोड़ने के पहले मुझे अपने जीवन से अलग करने के पहले इसकी वजह तो बता देते। आज फरवरी का यह पहला दिन मेरी डेरी डिजिटल डायरी का पहला पन्ना जो मैं तुम्हारे नाम कर रही हूं किसी शिकायत  से एक खलिश एक दर्द से शुरू ना होता होता इसकी शुरुआत होती हमारे प्यार से हमारी खूबसूरत यादों से 
खैर प्रेम तो मैं तुमसे तब भी करती थी और आज भी करती हूं उतना ही या शायद उससे कहीं ज्यादा क्योंकि तुमसे दूर होकर ही मुझे यह समझ में आया है कि तुम मेरे लिए क्या थे क्या हो और मेरी आखरी सांस तक क्या रहोगे मैं फिर से जीना चाहती हूं तुम्हें तुम्हारे प्यार के स्पर्श को इसलिए और बस इसीलिए लिख रही हूं ये डायरी जिसमें होगी मेरी और तुम्हारी प्यार की बातें हमारी खट्टी मीठी तकरार  और हमारा एहसास मैं और तुम सिर्फ हम होंगे जो यथार्थ में हो ना सके शायद कभी यह तुम तक पहुंच जाए और तुम एक बार बस एक बार पलट कर देखो मेरी ओर उसी प्यार से और फिर से मैं और तुम हम हो जाए

Dilserearchu
बाबा ब्राऊनबियर्ड Anshu writer Lalit Saxena Gyanendra Kumar Pandey Amit Pandey

#Likho जैसे एक नदी के जीवन का आखिरी पड़ाव होता है समन्दर ,समन्दर मे मिल कर अपना अस्तित्व खोना ही नदी की नियति है किंतु,सभी नदियाँ समुद्र में नही मिलती कुछ राह में सूख जाती है ,कुछ भूमिगत हो जाती है पर मिटता नही है अस्तित्व उनका  असमय पुनः जीवित हो जाती है ,कभी दलदल बन जाती है पर स्विकार नही होता उन्हें अपना वजूद खोना वो रहती है जब तक अपने नाम से जानी जाती है ,अनेक गुण अवगुण स्वंय मे समाहित किये प्रवाहित होती है अनवरत बस वैसे ही तो थे मैं और तुम , तुम जानते थे मेरे दिल में जो तुम्हारा स्थान था तुम्हारे बिना मेरा जीवन कितना वीरान था हां तुम तो जानते थे ना मुझसे कितना प्रेम है तुमसे और उसकी वजह भी और यह भी जानते थे खुद को भुलाकर अपना अस्तित्व खो कर अपनी पहचान मिटा कर मैं कभी तुम्हारे पास नहीं आऊंगी तुम्हें मुझे स्वीकार करना होगा वैसे ही जैसी मैं हूं मेरे गुण गुणों को साथ में लेकर मैंने भी तो तुम्हें स्वीकार किया था ना तुम्हारी पहचान तुम्हारे काम  गुणों और अवगुणों को एक साथ फिर मुझे स्वीकार करते समय तुम्हारे पैर पीछे क्यों हट गए थे क्यों नहीं तुम मुझे अपना सके मेरी पहचान मेरी खूबियों के साथ क्या इसकी वजह तुम्हारे अंदर  का अहंकार था या मैंने अपनी पहचान बनाने में किसी गलत रास्ते का इस्तेमाल किया था कम से कम मुझे छोड़ने के पहले मुझे अपने जीवन से अलग करने के पहले इसकी वजह तो बता देते। आज फरवरी का यह पहला दिन मेरी डेरी डिजिटल डायरी का पहला पन्ना जो मैं तुम्हारे नाम कर रही हूं किसी शिकायत  से एक खलिश एक दर्द से शुरू ना होता होता इसकी शुरुआत होती हमारे प्यार से हमारी खूबसूरत यादों से खैर प्रेम तो मैं तुमसे तब भी करती थी और आज भी करती हूं उतना ही या शायद उससे कहीं ज्यादा क्योंकि तुमसे दूर होकर ही मुझे यह समझ में आया है कि तुम मेरे लिए क्या थे क्या हो और मेरी आखरी सांस तक क्या रहोगे मैं फिर से जीना चाहती हूं तुम्हें तुम्हारे प्यार के स्पर्श को इसलिए और बस इसीलिए लिख रही हूं ये डायरी जिसमें होगी मेरी और तुम्हारी प्यार की बातें हमारी खट्टी मीठी तकरार  और हमारा एहसास मैं और तुम सिर्फ हम होंगे जो यथार्थ में हो ना सके शायद कभी यह तुम तक पहुंच जाए और तुम एक बार बस एक बार पलट कर देखो मेरी ओर उसी प्यार से और फिर से मैं और तुम हम हो जाए Dilserearchu @बाबा ब्राऊनबियर्ड @Anshu writer @Lalit Saxena @Gyanendra Kumar Pandey @Amit Pandey #लव

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