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तुम आज भी उठ ना पा रहे हो,दरवाजे तक मेरे दस्तक पे,

तुम आज भी उठ ना पा रहे हो,दरवाजे तक मेरे दस्तक पे,

कल बहुत रोओगे मेरे कदमों के निशां देखकर।

*ŠirFŤuM*
  *प्रीŤ.....✍️

©PREET G0SWAMi Mere kadmon ke nisha dekhkar.
तुम आज भी उठ ना पा रहे हो,दरवाजे तक मेरे दस्तक पे,

कल बहुत रोओगे मेरे कदमों के निशां देखकर।

*ŠirFŤuM*
  *प्रीŤ.....✍️

©PREET G0SWAMi Mere kadmon ke nisha dekhkar.