धरती पर पौधों की हरियाली से बेहतर कुछ भी नहीं, आसमान में तारों की टिम-टिम से बेहतर कुछ भी नहीं, देख लिया मैंने भी महंगे होटलों में खाकर लेकिन, मां तेरे हाथों की रोटी से बेहतर कुछ भी नहीं ।।। ✍अंशु #maa ke haath ki roti