कैलाश खेर के गीत रंग दीनी सुनकर मैंने अपनी तरुण अवस्था के दिन गुजारे। प्रेम को भक्ति बना देने की अवस्था के पश्चात् मुझे ज्ञात हुआ कि प्रेम केवल एक अवस्था का आरोहण है इसमें किसी अन्य सिद्धान्त की जरुरत नही है। यह सफलता असफलता सबसे परे है।। सिद्धार्थ वैद्य।। #unsuccesful