किसी और के हाथों में गया, वो गुल जो मेरा प्यार था। नसीब में तन्हाई ही थी, भंवरा मन भी बेजार था। वो जगह कभी मयस्सर ना हुई, जिसका मै हकदार था। बीच मझधार में अटके हम, हाथों में न पतवार था। मेरी आवाज़ पर वो दौड़ आती मगर, उसका घर भी दरिया के पार था।। #vo_bichhadan... pooja negi# Minaक्षी goyल😏[Ashi] NotoRiouS Dhiमान