या रब कैसी बुरी हमारी ये हालत हो गई वो खुद ही मुंसिफ और अदालत हो गई। जमानत मिली न लाख कोशिशों के बावजूद पहली ही पेशी में हमें उम्र कैद की सजा हो गई। मुंसिफ