सर्द दिसंबर दिसंबर के महीने में, कपड़ो में बंधे हुए हैं, ठंडे पानी से डरे हु़ए हैं सर्द हवाओं ने डाला अब डेरा है अलाव का ही अब एक सहारा है । दिसंबर के महीने में, दिन में बढ़ रहा बादलों का पहड़ा रात भी अब कली ,घनी हो रही सुबह साम बढ़ रहा कोहड़ा अब भी उम्मीदें कायम हैं सर्द के महीने में बहारें आयगी, नई साल में जी रहें हैं अब हम इसी इंतेज़ार में #season #दिसंबर के महीने में, कपड़ो में बंधे हुए हैं, #ठंडे पानी से डरे हु़ए हैं #सर्द हवाओं ने डाला अब डेरा है अलाव का ही अब एक सहारा है । #दिसंबर के महीने में, दिन में बढ़ रहा बादलों का पहड़ा रात भी अब कली ,घनी हो रही