जिंदगी के मंज़र पर अकेले चल रहे थे हम, हल्के हल्के आप ने दस्तक दी हमारी जिंदगी में, अनजाने लम्हों में आंख चुराते थे पहले, बाद में आंखों आंखों से बात होने लगी, वक़्त आगे बढ़ा और हम दोनों भी, और होने लगी गुफ़्तगू रूबरू में, दिल को छूने लगी उस की हाज़री , जैसे लगे एक अपनापन, उसके अल्फाज़ सुनने को दिल हमेशा ही तरसे, शुरुआत होने लगे एक दूसरे पर हक जताने की, तभी दिल को यह महसूस हुआ, शायद यही प्यार है। ♥️ Challenge-726 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।