छोड़ कर देखा रिश्तों की डोर को हाथों पर गहरे घाव मिले बस निशान बाकी थे धुंधले से ना खास मिला कोई गलियों में दिल की ना किसी के रुके हुए पांव मिले अब धूप में बेशक ठहर गया हो खानपुरी मगर रुकता नहीं वहाँ जहां मतलब की छांव मिले ©Khanpuriwrite Insta #let #them #go