खेत से बढ़कर कोई फैक्टरी नहीं ... अनाज से बढ़कर कोई प्रोडक्ट नहीं ... किसान से बढ़कर कोई उद्यमी नहीं... सरकार से बढ़कर कोई सपनो का व्यापारी नहीं ... लोकतंत्र से बढ़कर कोई भरम नहीं ... और कर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं... तो आ अब लौट चले अपने खेत की ओर... जहां अपने पुरखों के पैरों के निशान मिलेंगे ... जहां गिरा उनका पसीना कमाकर खाने की प्रेरणा देगा ... और जहां खुद की मेहनत स्वाभिमान देगी ... खेत किसान का रणक्षेत्र होता है जहां वो कभी नहीं हारता ... धरतीपुत्र-अन्नदाता की जय हो स्वेदेशी भारत (Aiwayarmy) #alone खेत से बढ़कर कोई फैक्टरी नहीं ... अनाज से बढ़कर कोई प्रोडक्ट नहीं ... किसान से बढ़कर कोई उद्यमी नहीं... सरकार से बढ़कर कोई सपनो का व्यापारी नहीं ... लोकतंत्र से बढ़कर कोई भरम नहीं ... और कर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं... तो आ अब लौट चले अपने खेत की ओर...