कह दूँ वो बात तुमको, जो वर्षों से दिल में कैद मेरे 'राज-ए-दिल' बयान कर दूँ, हिफाज़त से मुस्तैद मेरे साँस का शोर, धड़कन की रवानी, यह ज़िन्दगानी कर दी है नाम तेरे, अब तुमसे ही है यह मेरी कहानी नाम लिखूँ तेरा, फ़िर मिटा दूँ, इसे क्या मैं रज़ा दूँ जो दिल में कैद है मेरे कब से, उसे कैसे मैं कज़ा दूँ बोलता है वो मुझ से है सफ़र बेइंतहा जुदा उसका दिल में नाम जिसका, जुबाँ ख़ामोश उसको बता दूँ ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1088 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।