गुज़रे कल की एक कमाल की बात थीं, वह school की खट्टी-मीठी याद थीं, जहाँ दुनिया दारी का पता नही था, ज़िम्मेदारी क्या होती हैं यह शब्द का पता नहीं था, यारों से बस यारी थी कोई मतलब नहीँ था, सबसे प्यार था किसी से नफऱत नहीँ था, छोटी मोटी नोक-झोंक थीं दिल को सुकूँ था, हम ने हर teacher के नाम बिगाड़ रखा था, इस बात पे लबों पे हर वक़्त हँसी था, Crush भी थीं उसके सामने impression भी जमना था, Principal से हमारी सिकायत ना हो जाये, इसी बात पे हमने techer को भी पटा रखा था, हर साल कही ना कहीं जाने का plan होता था, पूरे class में एक दूसरे की टिफ़िन भी share होता था, गुज़रे कल की एक कमाल की बात थीं, वह school की खट्टी-मीठी याद थीं ❤️❣️✌️ गुज़रे कल की एक कमाल की बात थीं, वह school की खट्टी-मीठी याद थीं, जहाँ दुनिया दारी का पता नही था, ज़िम्मेदारी क्या होती हैं यह शब्द का पता नहीं था, यारों से बस यारी थी कोई मतलब नहीँ था, सबसे प्यार था किसी से नफऱत नहीँ था, छोटी मोटी नोक-झोंक थीं दिल को सुकूँ था, हम ने हर teacher के नाम बिगाड़ रखा था,