हमसे दूर जाओगे कैसे, हमको भूल पाओगे कैसे। हम दिल में नहीं साँसों में रहते हैं, अपनी साँसों को भुलाओगे कैसे।। #अंकित सारस्वत# #हमसे दूर जाओगे कैसे