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ख़ुशी खरीदने से ना ढूंढ़ने से मिलती है। मुस्कुराना

ख़ुशी खरीदने से
ना ढूंढ़ने से मिलती है।
मुस्कुराना सीख लीजिये
हर जगह मिलती है।
जरूरी नहीं की महलों में मिले
झोपड़ी में भी मिलती है।
ये आसमां का तारा नहीं
जो ऊंचाई पर ही मिले,
धरा पर भी मिलती है।
कौन कहता है
ये कीमती लिवासों में मिलती है
गरीबों के धूमिल कपड़ों में
मुस्कुराते होठों पर भी मिलती है।

©#suman singh rajpoot
  #Exploration ख़ुशी खरीदने से
ना ढूंढ़ने से मिलती है।
मुस्कुराना सीख लीजिये
हर जगह मिलती है।
जरूरी नहीं की महलों में मिले
झोपड़ी में भी मिलती है।
ये आसमां का तारा नहीं
जो ऊंचाई पर ही मिले,

#Exploration ख़ुशी खरीदने से ना ढूंढ़ने से मिलती है। मुस्कुराना सीख लीजिये हर जगह मिलती है। जरूरी नहीं की महलों में मिले झोपड़ी में भी मिलती है। ये आसमां का तारा नहीं जो ऊंचाई पर ही मिले, #Thoughts

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