किसी किताब को पढते-पढते लगता है कि काश ये मेरी कहानी होती और उस दो पल के काश में अचानक सा आभास होता है कि हम अपनी ही कहानी से कितने निराश हैं । लेकिन क्यो?? दरअसल हमें अपनी कहानी में कंकड़ जितनी छोटी गलतियाँ भी बोझ लगती हैं जो कि हमें दूसरों की जिन्दगी में दिखाई नहीं देती पर हम समझते नहीं कि हम ऐसे कभी खुश नहीं रह पाएंगे ।। कयोंकि हमारी जरूरत हैं छनी की और हम बस कंकड़ बदलते जा रहे हैं ।। #kitab #padhte #Abhas #Kankad #Choti #baatein #Umeed #Books