होंठों की हँसी को न समझ हकीक़त-ए-जिंदगी, दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए हैं हम। बड़ी शिद्दत से तोड़ा है मेरे दिल का हर कोना, मुझे तो सच कहूँ उस के हुनर पे नाज़ होता है। जिस्म से मेरे तड़पता दिल कोई तो खींच लो, मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब है यकीं। तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं, एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं। कोई उम्मीद नहीं थी हमें उनसे मुहब्बत की, एक ज़िद थी कि दिल टूटे तो सिर्फ उनके हाथ से टूटे। - via bkb.ai/shayari ©Foolsingh.Baghel #shaa#di 🙏🙏