मुझे बेसहारा छोड़ कर तू न जाता तो अच्छा था बचपन मे मुझे देख कर न मुस्कुराता तो अच्छा था मुझे बार बार अपना कह के न बुलाता तो अच्छा था दोस्तो का बहाना कर के मुझसे मिलने आना याद है ए काश तू मुझे कोई ख़्वाब न दिखाता तो अच्छा था तूने मेरे दिल मे जगमगा के अब अंधेरा कर दिया ए काश तू मेरे दिल मे ही न आता तो अच्छा था (by gulzar khan) gul