उसके बिन कोमल दिल मेरा जाने कितना तरसता है वो जब होती करीब, बहकी साँसों का झरना बहता है। वो शर्माती है यूँ ही अक्सर, कभी शैतान की नानी होती मेरी उँगलियों का बदमाश मूषक उसकी चुन्नी कुतरता है। साथ देती है, बिजली गुल होकर फिर मेरे कमरे से यारों सब्र का बाँध, तोड़कर दरवाजा शालीनता से गुजरता है। लफ्ज़ तेरी तारीफ़ के ख़ुद ब ख़ुद मेरे अधरों पर झूमते मय लगती जिह्वा को, आँखों से फिर शेर निकलता है। है अँधेरा, पर तेरी देह की चमक से सब और उजाला है 'कुमार' तेरे इश्क़ की पनाह में हर रात सजदा करता है। एक रात की बात जब होते हैं वो साथ #kumaarsthought #kumaaronlove #kumaarromance #mohabbat #erotica #erotica_hindi #kumaarerotica #झरना