*उदास फिरता है अब मोहल्ले में बारिश का पानी* *कश्तियां बनाने वाले बच्चे मोबाइल से इश्क़ कर बैठे* *शहर बसाकर अब* *सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं,* *बड़े अजीब हैं ये लोग,* *हाथ में कुल्हाड़ी लिए,छाँव ढूँढते है* #Mahakal