ना वादा किया ना ली कसम, उसने मुझे स्वीकारा है! उम्रभर का तो पता नहीं, मग़र लगता पूर्वजन्म का हमारा नाता है! मिले है जो इसबार, ख़ुदा का कोई इशारा है, अब मिलकर कभी होंगे न जुदा, तुमसे मेरा वादा है! A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - ९ फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️ ४-६ पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।