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अपने ही ख़्वाबों-ख़यालों में क़ैद हो गई हूँ मैं,

अपने ही ख़्वाबों-ख़यालों में  क़ैद हो गई हूँ मैं,
अपने दर्द का करके इलाज, वैद हो गई हूँ मैं। 

दिखता नहीं किसी को  कि है मेरा भी वजूद, 
दुनिया की नज़र में जैसे ना-पैद हो गई हूँ मैं। 

खाई की तरह बढ़ती जाती हैं यूँ ही गहराइयाँ, 
फँस दिली-दिमाग़ी जंग में उबैद हो गई हूँ मैं। 

ज़रूरत और ज़रूरी का जाने कैसा है हिसाब, 
खाते हैं नाम से क़सम  और शैद हो गई हूँ मैं। 

कभी तो कोई आकर  यहाँ से निकाले 'धुन', 
किसी अपने के सितम का  सैद हो गई हूँ मैं।  वैद- Physician 
ना-पैद- Unborn
उबैद- ग़ुलाम 
शैद- फ़रेब
सैद- जिसका शिकार हो 

Rest Zone 'तस्वीर विश्लेषण'
अपने ही ख़्वाबों-ख़यालों में  क़ैद हो गई हूँ मैं,
अपने दर्द का करके इलाज, वैद हो गई हूँ मैं। 

दिखता नहीं किसी को  कि है मेरा भी वजूद, 
दुनिया की नज़र में जैसे ना-पैद हो गई हूँ मैं। 

खाई की तरह बढ़ती जाती हैं यूँ ही गहराइयाँ, 
फँस दिली-दिमाग़ी जंग में उबैद हो गई हूँ मैं। 

ज़रूरत और ज़रूरी का जाने कैसा है हिसाब, 
खाते हैं नाम से क़सम  और शैद हो गई हूँ मैं। 

कभी तो कोई आकर  यहाँ से निकाले 'धुन', 
किसी अपने के सितम का  सैद हो गई हूँ मैं।  वैद- Physician 
ना-पैद- Unborn
उबैद- ग़ुलाम 
शैद- फ़रेब
सैद- जिसका शिकार हो 

Rest Zone 'तस्वीर विश्लेषण'