कुछ हो कर उदास कुछ हो कर शर्मिंदा चला मसान फिर से बस्ती का बाशिंदा जिस्म पिघला दिया जलाकर आग ने रूह बस ताकती रही हर मौत को ज़िंदा चला मसान फिर से बस्ती का बाशिंदा #बाशिंदा #वत्स #vatsa#dsvatsa #illiteratepoet #hindishayari #vatsapoet