इस गुलाबी ठंड में, इस गुलबी ठंड में, गरम चाय की प्याली सी हो तुम, अपनी ही धुन में खोई रहने वाली मतवाली सी हो तुम, महफ़िल में जो जान ला दे बिल्कुल उस कव्वाली सी हो तुम, अब किसी से क्या छुपाना, मेरी इस बेजान जिंदगी में, साल में एक बार आने वाली दिवाली सी हो तुम।। #गुलाबी_ठंड