नाम जो कभी नामी था,आज वो गुमनाम है, मिट गए हस्ब-ए-आरज़ू,आज वो बेनाम है । ऐ जवानी तू दर्प न कर,अपनी रवानी पर, थोड़े दिन का मेहमान है,तू ढलती शाम है ।। ©ANIL KUMAR,) #Life #Shaayari #anilkumar #anil_quotes #मेरीलेखनी✍️(अनिल कुमार)