आख़िर कोई तो बात रही होगी जो आज की दीपावली रौशन होकर भी रौशन नहीं लगती ! धनतेरस की खरीदारी हो गई पर झूठे दिखावे की बीमारी रह गई । चीनी बल्बों का उद्धार हो गया पर भारत के दिये को लाचार कर गया । रौशन तो हो गया है जग सारा पर अंधियारे में है बैठा इक "मन" बेचारा । मिठाई से मुँह मीठे जरूर हो गए पर उस वचन का क्या, जो रिश्तों में ज़हर घोल गए । अंधकार पर प्रकाश की जीत, है ये दीवाली का त्योहार पर आडम्बर में फ़सा, तो दीवाली के दिन भी है सारा संसार । #दीपावली ✨ #कविता #yqbaba #yqdidi #yqpoems Image credit : freepik.adobe.vip