ये....निशान किसका है कौन है...जो इस ओर बड़ा चला आ रहा है अरे उसे रोक लो वही पर...जनाब ये कोई दिल का दरिया नही छूटे हुए चाहतो का समन्दर है जिसका ठिकाना हर रोज बदलता रहता है। किसी को ,किसी के आंखों की चाह है उसमे डूब जाने के लिए किसी को उसके निशान का अपने आप को उन चाहतो में से एक बनाने के लिए.. ताकि बर्बाद हो सके अपने आप मे ही और लोग कहे कितना आगे निकल गए हो माही। #छूटे हुए चाहतो का समंदर। टाइम वेस्ट करो एक अच्छा टाइम लाने के लिए🙏✍️