"होशियारी इंसान के अंदर उतनी ही होनी चाहिए जितनी जरूरत हो"। "जरूरत से ज्यादा हो,तो लोगो को परेशानी और जरूरत से कम हो तो खुदको परेशानी"। #होशियारी #जरूरत से कम #जरुरत से ज्यादा #परेशानी #अनुभव की कलम से