रखा हर दर्द आज भी काग़ज़ मे लिख उतार के कैसे किस्से सुनाऐ हम इस बेदर्द प्यार के लिखता हूं तेरे लये तुमको खबर कहा मंज़िल तो तू है मेरी तुम जैसे मेरा हमसफर कहा